कपास
कपास की खेती की वृद्धि के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा, 200 से 210 पालारहित दिन और तेज़ चमकीली धूप की आवश्यकता होती है। यह काली और जलोढ़ मृदा में सर्वाेत्तम उगती है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र कपास के अग्रणी उत्पादक हैं। यह सूती वस्त्र उद्योग के लिए एक महत्त्वपूर्ण कच्चा माल है। भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व में कपास का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है।
पटसन
पटसन को ‘सुनहरा रेशा’ के रूप में भी जाना जाता है। यह जलोढ़ मृदा में अच्छे ढंग से विकसित होता है और इसे उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फ़सल उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है।जूट पूर्वी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है और इसे माल के रूप में और कच्चे फाइबर के रूप में निर्यात किया जाता है . जूट की फसल मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल , असम , उत्तरी बिहार , दक्षिण - पूर्वी उड़ीसा , त्रिपुरा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में उगाई जाती है भारत और बांग्लादेश पटसन के अग्रणी उत्पादक हैं।
कॉफी
कॉफी के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु और सु-अपवाहित दोमट मृदा की आवश्यकता होती है। इस फ़सल की वृद्धि के लिए पर्वतीय ढाल अधिक उपयुक्त होती है। ब्राजील कॉफी का अग्रणी उत्पादक है। इसके पश्चात् कोलंबिया और भारत हैं। कॉफी भारत में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में उगाई जाती है।
चाय
बागानों में उगाई जाने वाली एक पेय फ़सल है। इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु और वर्ष भर समवितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए सु-अपवाहित दुमट मृदा और मंद ढाल की आवश्यकता होती है। पत्तियों को चुनने के लिए अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है। भारत मे चाय के उत्पादन मे दूसरा स्थान हैभारत में चाय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, असम, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्य भारत मे चाय उत्पादक राज्य है |
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