विश्व पर्यावरण दिवस
दुनियाभर में 5 जून के दिन हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की और से की गई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से 1972 में इसकी शुरुआत हुई थी. पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 1974 में विशेष थीम के साथ मनाया गया. प्रकृति दिवस को करीब 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है. इस साल पाकिस्तान विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान होगा।पर्यावरण दिवस की हर साल एक अलग थीम रखी जाती है। इस साल (2021)की थीम 'Ecosystem Restoration' है। जिसका हिंदी में मतलब है- पारिस्थितिक तंत्र पुनर्बहाली।
Global Day of Parents 2021
Global Day of Parents 2021: ये एक जून को मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 जून, 2012 को एक प्रस्ताव पास कर 1 जून को वैश्विक दिवस घोषित करने का फैसला किया । और " ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स" को तब से युवा तथा बच्चो के द्वारा अपने माता पिता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता हैं।
1 june World milk day
वर्ल्ड मिल्क डे को मनाने की पहल साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी थी विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम 'पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता' (sustainability in the dairy sector along with empowering the environment, nutrition, and socio-economic) हैं।भारत सहित पूरी दुनिया में 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. यदि भारत कीबातकरे तो भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस भी मनाया जाता है. राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पहली बार 26 नवम्बर 2014 को मनाया गया था. ये दिन डॉ. वर्गीज कुरियन को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है जिनको भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है. डॉ कुरियन 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में एक ईसाई परिवार में जन्मे थे। जिसकी वजह से इस दिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है.दूध उत्पादन (Milk Production) के मामले में भारत पहले नंबर पर है। भारत हर साल पूरी दुनिया के दूध उत्पादन (Milk Production) में 22 फीसदी योगदान देता है।
3 june World cycle day
हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र ने साल 2018 में इस दिन को घोषित किया था। इस साल ‘वर्ल्ड बाइसिकल डे 2021’ की थीम ‘यूनीकनेस, वर्सेटैलिटी, लॉन्गिविटी ऑफ द बाइसिकल एंड सिंपल, सस्टेनेबल, एफोर्डेबल मीन्स ऑफ ट्रांसपोर्टेशन’ रखी गई है ।
4 जून - आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 अगस्त, 1982 को प्रतिवर्ष 4 जून को मासूम बच्चों की पीड़ा का अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था. इस दिवस का उद्देश्य आक्रमण के शिकार हुए बच्चों को यौन हिंसा, अपहरण से बचाना तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.इस दिन को बाल अधिकारों की रक्षा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के संकल्प की पुष्टि वाला दिन भी माना जाता है. 1997 में सयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर 51/77 के प्रस्ताव को अपनाया। लेकिन इसकी स्थापना 19 अगस्त 1982 को हुई। जब इजराइल की हिंसा में फिलिस्तीन और लेबनान के बच्चों को युद्ध की हिंसा का शिकार होना पड़ा था तो इस हिंसा में भारी संख्या में बच्चे मारे तथा घायल हुए। और फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र से इस बारे में कदम उठाने का आग्रह किया था. इसी हिंसा का ध्यान रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 जून को इंटरनेशन डे ऑफ इनोसेंट चिल्ड्रन ऑफ एग्रेशन के रूप में मानाने का निर्णय लिया था.