26 June, 2021

मुख्य फसले

चावल की फसल
चावल विश्व की मुख्य खाद्य फ़सल है। यह उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों का मुख्य आहार है। चावल के लिए उच्च तापमान, अधिक आद्रता एवं वर्षा की जरूरत होती है। यह फ़सल चीकायुक्त जलोढ़ मृदा जिसमें जल रोकने की क्षमता हो, में सर्वोत्तम ढंग से उगती तथा बढ़ती है। चीन चावल उत्पादन में प्रथम है। इसके बाद क्रमश: भारत, जापान, श्रीलंका और मिस्र हैं।  जैसे पश्चिमी बंगाल और बांग्लादेश में अनुकूल जलवायविक दशाओं के होने से  एक वर्ष में दो से तीन बार चावल की फ़सलें उगाई जाती हैं। 

मिलेट 
ये मोटे अनाज के रूप में भी जाने जाती हैं और कम उपजाऊ तथा बलुई मृदा में उगाई जा सकती हैं। ये ऐसी फ़सल हैं जिसे कम वर्षा और उच्च से मध्यम तापमान तथा पर्याप्त सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है। ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाते हैं। नाइजीरिया, चीन और नाइजर इसके अन्य उत्पादक देश हैं। 

मक्का 
मक्का के लिए मध्यम तापमान, वर्षा और अधिक धूप की आवश्यकता होती है। इसे  उपजाऊ मृदा की आवश्यकता होती है। मक्का उत्तर अमेरिका, ब्राजील, चीन, रूस, कनाडा, भारत और मैक्सिको में उगाई जाती है। 

कपास 
 कपास की खेती की वृद्धि के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा, 200 से 210 पालारहित दिन और तेज़ चमकीली धूप की आवश्यकता होती है। यह काली और जलोढ़ मृदा में सर्वाेत्तम उगती है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील और मिस्र कपास के अग्रणी उत्पादक हैं। यह सूती वस्त्र उद्योग के लिए एक महत्त्वपूर्ण कच्चा माल है। भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व में कपास का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। 

पटसन 

पटसन को ‘सुनहरा रेशा’ के रूप में भी जाना जाता है। यह जलोढ़ मृदा में अच्छे ढंग से विकसित होता है और इसे उच्च तापमान, भारी वर्षा और आर्द  जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फ़सल उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है।जूट पूर्वी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है  और इसे माल के रूप में और कच्चे फाइबर के रूप में निर्यात किया जाता है . जूट की फसल मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल , असम , उत्तरी बिहार , दक्षिण - पूर्वी उड़ीसा , त्रिपुरा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में उगाई जाती है भारत और बांग्लादेश पटसन के अग्रणी उत्पादक हैं। 

कॉफी 

कॉफी के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु और सु-अपवाहित दोमट मृदा की आवश्यकता होती है। इस फ़सल की वृद्धि के लिए पर्वतीय ढाल अधिक उपयुक्त होती है। ब्राजील कॉफी का अग्रणी उत्पादक है। इसके पश्चात् कोलंबिया और भारत हैं। कॉफी भारत  में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में उगाई जाती है। 

चाय

बागानों में उगाई जाने वाली एक पेय फ़सल है। इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु और वर्ष भर समवितरित उच्च वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए सु-अपवाहित दुमट मृदा और मंद ढाल की आवश्यकता होती है। पत्तियों को चुनने के लिए अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है। भारत मे चाय के उत्पादन मे दूसरा स्थान हैभारत में चाय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, असम, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्य भारत मे चाय उत्पादक राज्य है |




















05 June, 2021

विश्व पर्यावरण दिवस,milk day,cycle day,आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस,

विश्व पर्यावरण दिवस

 दुनियाभर में 5 जून के दिन हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की और से की गई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से 1972 में इसकी शुरुआत हुई थी. पहली बार  विश्व पर्यावरण दिवस 1974 में विशेष थीम के साथ मनाया गया. प्रकृति दिवस को करीब 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है. इस साल पाकिस्तान विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान होगा।पर्यावरण दिवस की हर साल एक अलग थीम रखी जाती है। इस साल (2021)की थीम 'Ecosystem Restoration' है। जिसका हिंदी में मतलब है- पारिस्थितिक तंत्र पुनर्बहाली। 

Global Day of Parents 2021

Global Day of Parents 2021: ये एक जून को मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र महासभा ने  17 जून, 2012 को एक प्रस्ताव पास कर 1 जून को वैश्विक दिवस घोषित करने का फैसला किया । और " ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स" को तब से युवा तथा बच्चो के द्वारा अपने माता पिता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता हैं।

1 june World milk day 

वर्ल्ड मिल्क डे को मनाने की पहल साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी थी विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम 'पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता' (sustainability in the dairy sector along with empowering the environment, nutrition, and socio-economic) हैं।भारत सहित पूरी दुनिया  में  1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. यदि  भारत कीबातकरे तो भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस भी मनाया जाता है. राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पहली बार 26 नवम्बर 2014 को मनाया गया था. ये दिन डॉ. वर्गीज कुरियन को सम्मान देने के लिए  मनाया जाता है जिनको भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है. डॉ कुरियन 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में एक ईसाई परिवार में जन्मे थे। जिसकी वजह से इस दिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है.दूध उत्पादन (Milk Production) के मामले में भारत पहले नंबर पर है। भारत हर साल पूरी दुनिया के दूध उत्पादन (Milk Production) में 22 फीसदी योगदान देता है।

3 june World cycle day

 हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है  संयुक्त राष्ट्र ने साल 2018 में इस दिन को घोषित किया था। इस साल ‘वर्ल्ड बाइसिकल डे 2021’ की थीम ‘यूनीकनेस, वर्सेटैलिटी, लॉन्गिविटी ऑफ द बाइसिकल एंड सिंपल, सस्टेनेबल, एफोर्डेबल मीन्स ऑफ ट्रांसपोर्टेशन’ रखी गई है ।

4 जून - आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 अगस्त, 1982 को प्रतिवर्ष 4 जून को मासूम बच्चों की पीड़ा का अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था. इस दिवस का उद्देश्य आक्रमण के शिकार हुए बच्चों को यौन हिंसा, अपहरण से बचाना तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.इस दिन को बाल अधिकारों की रक्षा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के संकल्प की पुष्टि वाला दिन भी माना जाता है. 1997 में  सयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर 51/77 के प्रस्ताव को अपनाया। लेकिन इसकी स्थापना 19 अगस्त 1982 को हुई। जब इजराइल की हिंसा में फिलिस्तीन और लेबनान के बच्चों को युद्ध की हिंसा का शिकार होना पड़ा था तो इस हिंसा में भारी संख्या में बच्चे मारे तथा घायल हुए।  और  फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र से इस बारे में कदम उठाने का आग्रह किया था.  इसी हिंसा का ध्यान रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 जून को इंटरनेशन डे ऑफ इनोसेंट चिल्ड्रन ऑफ एग्रेशन के रूप में मानाने का निर्णय लिया था.




04 June, 2021

जल जलप्रपात,वायुमंडल का संघटन,विभिन्न प्रदेशों में घासस्थल,कृषि

जल जलप्रपात 
विश्व में हज़ारों छोटे-छोटे जलप्रपात हैं। सबसे ऊँचा जलप्रपात दक्षिण अमेरिका के वेनेजुएला का एंजेल जलप्रपात है। अन्य जलप्रपात उत्तरी अमेरिका में कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा पर स्थित नियाग्रा जलप्रपात है और अफ़्रीका  में जांबिया एवं जिंबाबवे की सीमा पर स्थित विक्टोरिया जलप्रपात हैं।

वायुमंडल का संघटन
पृथ्वी चारों ओर से व्याप्त गैसीय तथा वायु की घनी चादर से घिरी हुई है, जिसे वायुमंडल कहते हैं। , जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण पृथ्वी के साथ संलग्न है वायुमंडल अनेक गैसों का मिश्रण है नाइट्रोजन 78% तथा अॉक्सीजन 21% एेसी दो गैसें हैं, जिनसे वायुमंडल का बड़ा भाग बना है। कार्बन डाइअॉक्साइड, हीलियम, ओज़ोन, आर्गान एवं हाइड्रोजन कम मात्रा में पाई जाती हैं। इन गैसों के अलावा धूल के छोटे-छोटे कण भी हवा में मौजूद होते हैं। तथा 
वायुमंडल पाँच परतों में वाटा गया जो है।

क्षोभमंडल
इसकी औसत ऊँचाई 13 किलोमीटर है। हम इसी मंडल में मौजूद वायु में साँस लेते हैं। सभी वायुमंडलीय या मौसमी घटनाएँ इसी मण्डल में घटित होती हैं
 जैसे– वर्षा, कुहरा एवं ओलावर्षण इसी परत के अंदर होती हैं।

समतापमंडल 
क्षोभमंडल के ऊपर का भाग समताप मंडल कहलाता है। यह लगभग 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला है। यह परत बादलों एवं मौसम संबंधी घटनाओं से लगभग मुक्त होती है। समतापमण्डल में तापमान लगभग समान रहता है लेकिन ऊँचाई बढ़ने के साथ इसका ताप बढ़ने लगता है इसके फलस्वरूप यहाँ की परिस्थितियाँ हवाई जहाज़ उड़ाने के लिए आदर्श होती हैं। समताप मंडल में महत्त्वपूर्ण ओज़ोन गैस की परत होती है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक गैसों से हमारी रक्षा करती है।

मध्यमंडल: 
यह समताप मंडल के ठीक ऊपर वाली परत होती है। यह वायुमंडल की तीसरी परत है। यह लगभग 80 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली है। अंतरिक्ष से प्रवेश करने वाले उल्का पिंड इस परत में आने पर जल जाते हैं।

बाह्य वायुमंडल:
 बाह्य वायुमंडल में बढ़ती ऊँचाई के साथ तापमान अत्यधिक तीव्रता से बढ़ता है। आयन मंडल इस परत का एक भाग है। यह 80 से 400 किलोमीटर तक फैला है। रेडियो संचार के लिए इस परत का उपयोग होता है। वास्तव में पृथ्वी से प्रसारित रेडियो तरंगें इस परत द्वारा पुन: पृथ्वी पर परावर्तित कर दी जाती हैं।

बहिर्मंडल 
 वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत को बहिर्मंडल के नाम से जाना जाता है।यह वायु मण्डल की सबसे बाहरी परत है, जो अंततः अन्तरिक्ष में जाकर मिल जाती है |
 यह वायु की पतली परत होती है। हल्की गैसें जैसे–हीलियम एवं हाइड्रोजन यहीं से अंतरिक्ष में तैरती रहती हैं।

विभिन्न प्रदेशों में घासस्थल 

उष्णकटिबंधीय घासस्थल

पूर्वी अफ़्रीका - सवाना

ब्राजील - कंपोस

वेनेजुएला - लानोस

शीतोष्ण कटिबंधीय घासस्थल

अर्जेन्टीना - पैंपास

उत्तरी अमेरिका - प्रेअरी

दक्षिण अफ़्रीका - वेल्ड

मध्य एशिया - स्टेपी

आस्ट्रेलिया - डान

प्रयरी

उत्तरी अमेरिका के शीतोष्ण घास स्थल को  कहते हैं पश्चिम में रॉकी पर्वत एवं पूर्व में ग्रेट लेक से गिरे हुए प्रयरी संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा के कुछ भागों तक फैले हैं  

अफ्रीका के शीतोष्ण घास स्थल को वेल्ड कहते हैं ।

कृषि 

यह एक प्राथमिक क्रिया है। फ़सलों, फलों, सब्ज़ियों , फूलों को उगाना और पशुधन पालन इसमें शामिल हैं। विश्व में पचास प्रतिशत लोग कृषि कार्य में संलग्न हैं। भारत की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। कुछ विभिन्न कृषि के नाम ।

  • एग्रीकल्चर (कृषि)

मृदा की जुताई, फ़सलों को उगाना और पशुपालन का विज्ञान एवं कला है। इसे खेती भी कहते हैं।

  • सेरीकल्चर (रेशम उत्पादन)

रेशम के कीटों का वाणिज्यिक पालन। यह कृषक की आय में पूरक हो सकता है।

  • पिसीकल्चर (मत्स्यपालन)

विशेष रूप से निर्मित तालाबों और पोखरों में मत्स्यपालन।

  • विटिकल्चर (द्राक्षा कृषि)

अंगूरों की खेती।

  • हॉर्टीकल्चर (उद्यान कृषि)

वाणिज्यिक उपयोग के लिए  सब्ज़ियों, फूलों और फलों को उगाना।


























02 June, 2021

प्रोजेक्ट टाइगर ,पट्टी कृषि,हिमालय yew यव (चीड़ की प्रकार का सदाबहार वृक्ष ),वन्यजीव अधिनियम ,बहुउद्देशीय परियोजना तथा बांध,छत वर्षा संग्रहण,नदी विवाद

पट्टी कृषि

बड़े खेतों को पट्टियों में बांधा जाता है फसलों के बीच में घास की पट्टियां उगाई जाती हैं यह पवनों द्वारा जनित बलों को कमजोर करती हैं इस तरीके को पट्टी कृषि (strip Farming) फार्मिंग कहते हैं।

हिमालय yew यव (चीड़ की प्रकार का सदाबहार वृक्ष )
यह एक ऑल दिए वादा है जो हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्र में पाया जाता है पेड़ की छाल,पत्तियां,टहनियां और जड़ों से टक्सौल नामक रसायन निकाला जाता है तथा कुछ कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।

1960 और 1970 के दशक के दौरान पर्यावरण संरक्षको ने राष्ट्रीय वन्य जीवन सुरक्षा कार्यक्रम की मांग की। भारतीय वन्य जीवन रक्षण अधिनियम 1972 में लागू किया गया बाद में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव विहार स्थापित किए।

प्रोजेक्ट टाइगर  
टाइगर विश्व की  बेहतरीन वन्य जीव परियोजनाओं में से एक है इसकी शुरुआत 1973 में हुई शुरुआत में इसमें बहुत सफलता प्राप्त हुई।
कुछ टाइगर रिजर्व में निम्नलिखित है
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश
सरिस्का वन्य जीव पशु विहार राजस्थान
मानस बाग रिजल्ट असम
पेरीयार बाघ रिजर्व केरल

वन्यजीव अधिनियम 1980 और 1986 इसके अनुसार  सैकड़ों तितलियों,पतंगो, भृंगो और एक ड्रैगनफ्लाई को भी संरक्षित जातियों में शामिल किया गया। 1991 में पौधों की भी 6 जातियां पहली बार इस सूची में रखी गई 

राजस्थान के अलवर जिले में 5 गांवो के लोगों ने तो 12 सौ हेक्टेयर वन भूमि भैरव देव डाकव सेंचुरी घोषित कर दी जिसके अपने ही कानून नियम हैं
छोटा नागपुर ( झारखंड ) क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजाति महुआ और कदम के पेड़ों की पूजा करते हैं।

बिहार और उड़ीसा की जनजातियां शादी के दौरान इमली और आम के पेड़ की पूजा करती हैं तथा कुछ लोग हम में से पीपल तथा वट वृक्ष को पवित्र मानते हैं।

राजस्थान में बिश्नोई गांव के आसपास काले हिरण चितकारा,नीलगाय और मोरों के झुंड देखे जा सकते हैं।

हिमालय में चिपको आंदोलन वन कटाई को रोकने में सफल रहा।

टिहरी में किसानों का बीज बचाओ आंदोलन और नव दानप ने दिखाया की रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के बिना भी विविध फसल उत्पादन द्वारा आर्थिक रूप से व्यवहर्य कृषि उत्पादन संभव है।

नदी बहुउद्देशीय परियोजना तथा बांध
बांध को बहुउद्देशीय परियोजनाएं भी कहा जाता है जहां जल के अनेक उपयोग होते हैं।
सतलुज ब्यास बेसिन में भाखड़ा नागल परियोजना जल विद्युत उत्पादन तथा सिंचाई दोनों के काम में आती है
महानदी बेसिन में हीराकुंड परियोजना जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण का समन्वय हैं।


ईशा० से एक शताब्दी पहले इलाहाबाद के नजदीक श्रंग बेरा में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट जल संग्रहण तंत्र  को बनाया गया था
कलिंग (उड़ीसा), नागार्जुन ,कोंडा (आंध्र प्रदेश) कर्नाटक और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के सबूत मिलते हैं।

अपने समय की सबसे कृत्रिम जिलों में से एक भोपाल जेल 11वीं शताब्दी में बनाई गई।
बड़े आकार वाली जिलों को समुंदर कहा जाता है जैसे:– कैस्पियन, मृत तथा अरल सागर

कृष्णा गोदावरी नदी विवाद
कृष्णा गोदावरी की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोयना पर जल विद्युत परियोजना के लिए बांध बनाकर जल की दिशा परिवर्तन कर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सरकारों द्वारा आपत्ती जताए जाने से हुई इससे इन राज्यों में पड़ने वाली निचले हिस्से में जल प्रवाह कम हो जाएगा और कृषि उद्योगों पर विपरीत पर विपरीत असर पड़ेगा।

छत वर्षा संग्रहण 
मेघालय की राजधानी शिलांग में छत वर्षा संग्रहण प्रचलित है यह रोचक इसलिए है क्योंकि चेरापूंजी और मौसिनराम जहां विश्व की सबसे अधिक वर्षा होती है शिलांग से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित है और यह शहर पीने की जल की कमी की गंभीर समस्या का सामना करता है शहर के लगभग हर घर में छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था है घरेलू जल आवश्यकता की कुल मांग के लगभग 15.25 % हिस्से की आपूर्ति छत जल संग्रहण व्यवस्था से होती है

कर्नाटक के मैसूर जिले में स्थित एक सुदूर गांवों में ग्रामीणों ने अपने घर में  जल आवश्यकता पूर्ति छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था की हुई है गांव के लगभग 200 घरों में यह व्यवस्था है।

लवण मृदा ( ऊसर मृदा)
लवण  मृदा में सोडियम पोटेशियम और मैग्नीशियम का अनुपात अधिक होता है यह अनु उर्वर होती हैं इनमें नाइट्रोजन तथा चूने की कमी होती है लवण में मृदाओं का विकास अधिकतर पश्चिमी गुजरात , पूर्वी तट के डेल्टाओ और पश्चिमी बंगाल के सुंदरबन डेल्टा और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में पाई जाती है
  • लवर की समस्या से निपटने के लिए जिप्सम डालने की सलाह दी जाती है

  •  भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की स्थापना 1993 में रियो डी जेनेरो ,ब्राजील में भू शिखर सम्मेलन और मई 1994 में याकोहोमा जापान में आपदा प्रबंधन पर विश्व संगोष्ठी आदि  विभिन्न स्तर पर इस दिशा में उठाए जाने वाले ठोस कदम है।

   
















31 May, 2021

भारत के अनुसंधान संस्थान की सूची 2021

भारत के अनसु ंधान संस्थान की सूची 2021 free download click here
      
1. भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आई.एस.आई.), कोलकाता
2. केन्द्रीय पक्षी अनुसन्धान संस्थान (इज्ज़त नगर):–बरेली
3. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान:–बरेली  
4. J. K. कैंसर संस्थान :– कानपुर
5. केंद्रीय वस्त्र संस्थान:– कानपुर
6. भारतीय चमड़ा रंगाई एवं जुटा संस्थान।   :–   कानपुर
7. भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान  :–   कानपुर
8. राष्ट्रीय चीनी अनुसंधान संस्थान   :–   कानपुर
9. भारतीय हथकरघा तकनीकी संस्थान। :– वाराणसी
10. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी :– वाराणसी
11. भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान:– वाराणसी
12. अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी) :– वाराणसी
13. केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र :– मेरठ
14. वी. वी. गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान, :–ग्रेटर नोएडा
15. राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान:–ग्रेटर नोएडा
16. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसन्धान संस्थान   :– लखनऊ
17. केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान:– लखनऊ
18. भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान:– लखनऊ
19. भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान:– लखनऊ
20. बीरबल साहनी पुरावनस्पति शास्त्र अनुसंधान संस्थान:– लखनऊ
21. राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान:– लखनऊ
22. नेशनल ब्यूरो ऑफ़ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज:– लखनऊ
23. राष्ट्रीय जैव उर्वरक विकास केंद्र, :– गाजियाबाद
24. कपड़ा अनुसंधान संस्थान :–गाजियाबाद
25. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थाननई:–दिल्लीनई दिल्ली   
26. भारतीय पेट्रोलियम संस्थान :– देहरादून उत्तराखंड
27. भारतीय कैंसर अनुसंधान संस्थान :– मुंबई महाराष्ट्र  
28. भारतीय मौसम विज्ञान वेधशाला :– दिल्लीनई दिल्ली
29. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कैमिकल बायोलॉजी:–कोलकाता वेस्ट बंगाल
30. भारतीय प्राकृतिक रेजिन्स और मसूड़ों संस्थान :– रांची झारखंड
31. केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान:– देहरादून उत्तराखंड
32. सेंट्रल लेप्रोसी ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट:– चेंगलपट्टू तमिलनाडु 
33. सेंटर फॉर आणविक और सेलुलर जीवविज्ञान:–हैदराबाद तेलंगाना
34. सेंट्रल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट:–कटक ओडिशा
35. सेंट्रल प्लांटेशन फसल रिसर्च इंस्टिट्यूट:–कुडलू केरल
36. सेंट्रल आलू रिसर्च इंस्टीट्यूट:–शिमला हिमाचल प्रदेश
37. सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूटनई:–दिल्ली नई दिल्ली
38. केंद्रीय ईंधन अनुसंधान संस्थान:–धनबाद झारखंड
39. सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट :–लखनऊ उत्तर प्रदेश
40. सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट:–दुर्गापुर वेस्ट बंगाल
41. सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टिट्यूट:–चेन्नई तमिलनाडु
42. गन्ना प्रजनन संस्थान:–कोयंबटूर तमिलनाडु
43. सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट:–मैसूर कर्नाटक
44. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी:–पुणे महाराष्ट्र
45. सेंट्रल जूट टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट:–बैरकपुर पश्चिम बंगाल
46. सेंट्रल ग्लास और सिरेमिक रिसर्च इंस्टिट्यूट:–कोलकाता पश्चिम बंगाल 
47. सेंट्रल इलेक्ट्रो-केमिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट;–कराईकुडी तमिलनाडु
48. सेंट्रल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट:–कटक ओडिशा
49. सेंट्रल नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान:–भावनगर गुजरात
50. केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन:–चंडीगढ़ पंजाब
51. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट:–रुड़की उत्तराखंड
52. केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्थान:–धनबाद झारखंड
53. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी:– पणजी महाराष्ट्र
54. नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट :–हैदराबाद तेलंगाना
55. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन:–हैदराबाद तेलंगाना
56. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान:– अहमदाबाद गुजरात
57. राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान:–नागपुर महाराष्ट्र
58. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशनल डिजीज:–दिल्ली नई दिल्ली
59. नेशनल एयरोनॉटिकल लेबोरेटरी:–बेंगलुरु कर्नाटक
60. नेशनल ट्यूबरकुलोसिस इंस्टिट्यूट:–बेंगलुरु कर्नाटक
61. नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट:–करनाल हरियाणा
62. हफ्कीन इंस्टिट्यूट :–मुंबई महाराष्ट्र
63. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च:–मुंबई महाराष्ट्र
64. मवेशी प्रजनन संस्थान:–हिसार हरियाणा
65. रमन रिसर्च सेंटर:–बेंगलुरु कर्नाटक
66. वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट:–दिल्ली नई दिल्ली
67. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स):–दिल्ली नई दिल्ली
68. ऑल इंडिया मलेरिया रिसर्च इंस्टिट्यूट:–नई दिल्ली नई दिल्ली
69. उच्च ऊंचाई अनुसंधान प्रयोगशाला:–गुलमर्ग जम्मू और कश्मीर
70. उष्णकटिबंधीय चिकित्सा स्कूल:–कोलकाता पश्चिम बंगाल
71. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण:–नई दिल्ली नई दिल्ली
72. पीजीआई मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च:–चंडीगढ़ पंजाब
73. किंग इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेन्टिव मेडिसिन:–गिंडी तमिलनाडु
74. वस्त्र अनुसंधान संस्थान:–अहमदाबाद गुजरात

30 May, 2021

भारत का भूगोल, भारत की प्रमुख मिट्टियां,रियो सम्मेलन के क्या परिणाम

रियो डी जेनेरे पृथ्वी सम्मेलन
जून 1992 में 100 से भी अधिक राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन में एकत्रित हुए। इसका आयोजन पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूंढने के लिए सम्मेलन में एकत्रित बताओ ने भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन और जैविक विविधताओं पर एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। भूमंडलीय वंश धांतो पर सहमति जताई पोषणीय विकास के लिए एजेंडा 21 को स्वीकृति प्रदान की। एजेंडा 21 जून 1992 एक घोषणा है 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन (UNCED) के तत्वाधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया गया था जिसका उद्देश्य समान हितों, पारस्पारिक आवश्यकता एवं सम्मिलित जिम्मेदारियों के अनुसार विश्व सहयोग के द्वारा पर्यावरण क्षति गरीबी और रोगों से निपटना है एजेंडा 21 का मुख्य उद्देश्य है कि प्रत्येक निकाय अपना एजेंडा 21 तैयार करें। राष्ट्रीय वन नीति 1952 राष्ट्रीय वन नीति 1952 द्वारा निर्धारित वनों के अंतर्गत 33% भौगोलिक क्षेत्र वंछित है । 

मृदा का वर्गीकरण 
जलोढ़ मृदा विस्तृत रूप से फैली है यह महत्वपूर्ण मृदा है संपूर्ण उत्तरी मैदान जलोढ़ मृदा से बना है जलोढ़ मृदा हिमालय की तीन महत्वपूर्ण नदी तंत्र सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा लाए गए निछेपों से बनी है यह मृदा राजस्थान और गुजरात तक फैली है एक सक्रिय गलियारे के रूप में पूर्वी तटीय मैदान विशेषकर महानदी , गोदावरी , कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टा भी जलोढ़ मिट्टी से बने हैं जलोढ़ मिट्टी में सिल्ट , रेत और मृतिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं जलोढ़ मृदा दो प्रकार की होती है पुराना जालोंढ़ (बांगर)कहलाता है नया जरूर खादर कहलाता है
 उपयोगिता: –गन्ने चावल गेहूं तथा अन्य अनाजों और दलहनी फसलों की खेती की जाती है जलोढ़ मृदा बहुत उपजाऊ होती है अधिकता जलोढ़ मृदा में पोटाश फास्फोरस और चूना युक्त होती है अधिक उपजाऊ होने के कारण यहां कृषि अधिक की जाती है तथा यहां जनसंख्या भी अधिक होती है

काली मिट्टी इन मिट्टी का रंग काला है और रे रेगर मृदा ए भी कहा जाता है काली मिट्टी कपास की खेती के लिए उपयोगी समझी जाती है काली मिट्टी कपास मिर्धा के नाम से भी जानी जाती है दक्कन पठार(बेसाल्ट )क्षेत्र के उत्तर पश्चिमी भागों में पाई जाती है और लावा जनक सालों से बनी है यह मिट्टियां महाराष्ट्र ,सौराष्ट्र, मालवा दक्षिणी पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार पर पाई जाती हैं और दक्षिण-पूर्व दिशा गोदावरी और कृष्णा नदियों की घाटियों तक फैली हैं। काली मिट्टी में कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम,पोटाश और चूने जैसे पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण होती है

लाल और पीली 
मिट्टी लाल मिट्टी दक्कन पठार के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में रवेदारर आग्नेय चट्टानों पर कम वर्षा वाले भागों में विकसित हुई है उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश, गंगा के मैदान के दक्षिणी छोर पर और पश्चिम घाट में पहाड़ी पर पाई जाती है इन मिट्टियों का लाल रंग दावेदार आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में लोहा धातु के प्रसार के कारण होता हैंं

लेटेराईट मिट्टी 
लेटेराईट शब्द ग्रीक भाषा के लेटर ईट से लिया गया है लेटराइट मिर्धा तापमान और अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित होती है यह भारी वर्षा से निलाछन का परिणाम है इस मिट्टी में उमस की मात्रा कम पाई जाती है अत्यधिक तापमान के कारण जैविक पदार्थों को अपघटित करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं लैटेराइट मिट्टी पर अधिक मात्रा में खाद और रासायनिक उर्वरक डालकर ही खेती की जा सकती है। लेटराइट मिट्टी कर्नाटक, केरल ,तमिलनाडु ,मध्य प्रदेश और उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाती है। मृदा संरक्षण की उचित तकनीक अपनाकर इन मिट्टियों पर कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु में चाय और कॉफी उगाई जाती है इन मिट्टी में काजू तथा तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश की लाल लेटराइट मिट्टी काजू की फसल के लिए अधिक उपयुक्त है।
पर्वतीय मिट्टी















29 May, 2021

GK Online Test in Hindi

GK Online Test in Hindi
1. अंकुर योजना किस राज्य ने शुरू की है, जिसके तहत राज्य में पेड़ लगाने पर लोगो को पुरस्कृत किया जाएगा?




... Answer is B)
मध्य प्रदेश.


2. जीआई प्रमाणित शाही लीची, जिसे यूनाइटेड किंगडम को निर्यात किया गया है, की खेती किस राज्य में की जाती है?




... Answer is C)
बिहार.


3. किस राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी परियोजना शरू की है ?




... Answer is A)
हरियाणा सरकार.

4. 25 मार्च को विश्वभर में कौन सा दिवस मनाया जाता है ?




... Answer is B)
अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस.


5. हिंदुस्तान युनिलीवर लिमिटेड (HUL) के द्वारा Covid-19 रोगियों की सहायता के लिए असम में कौनसा मिशन लांच किया है ?




... Answer is C)
Mission HO2PE.


6. हिमाचल प्रदेश सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट से किस जमीन को बाहर कर दिया है?




... Answer is A)
चाय बागानों को.

7. केंद्रशासित प्रदेश दादर नगर हवेली भारत के किन राज्यों के बीच में स्थित है?




... Answer is B)
गुजरात व महाराष्ट्र .


8. लिखित में से वह मौलिक अधिकार कौन सा है जिसे डॉक्टर अंबेडकर के अनुसार सविधान का दिल कहा जा सकता है?




... Answer is A)
संविधानिक उपचारों का अधिकार.


9. भारतीय संविधान में किस प्रकार की शासन प्रणाली की व्यवस्था की गई है?




... Answer is A)
संसदात्मक.

10. 28 मई को विश्वभर में कौन सा दिवस मनाया जाता है ?




... Answer is D)
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस और वर्ल्ड हंगर डे


11. हालही में किस राज्य ने एस्मा एक्ट लागू किया?




... Answer is A)
उतर प्रदेश .


12. जिस संविधान संशोधन से नागरिकों के संपत्ति के अधिकार का मूल अधिकारों की सूची से निष्कासन किया गया है वह है?




... Answer is A)
44 वा संशोधन.

13. युवा मजदूर (उन्मूलन) अधिनियम संसद में पारित किया था?




... Answer is D)
उपरोक्त सभी के द्वारा


14. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन सा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के संवर्धन से संबंधित है?




... Answer is C)
.


15.निम्नलिखित में से कौन संविधान के 42 वें संशोधन द्वारा नीति निर्देशक तत्वों में नहीं जोड़ा गया?




... Answer is A)
समान आचार संहिता.

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